भोटिया डॉग को काफी जगह पर गद्दी कुत्ता, हिमालियन शीप डॉग या हिमालियन मस्टिफ के नाम से भी जाना जाता है। यह भोटिया डॉग भारतीय मूल का ही ब्रीड है। यह भोटिया डॉग भारत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लेह और लद्दाख जैसी पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। यह भोटिया डॉग दिखने में भी काफी खूबसूरत दिखाई देते है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भोटिया डॉग के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने का प्रयास करेंगे। तो चलिए अब बिना किसी देरी के शुरू करते है।
भोटिया कुत्ता (bhotiya dog) -Himalayan sheepdog
पहाड़ी भोटिया कुत्ते भारत और नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले आकर में नार्मल कुत्ते से बड़े आकार के कुत्ते हैं। उनके बड़े आकार और मजबूत शरीर के कारण उन्हें मास्टिफ कुत्ता माना जा सकता है। ये मुख्यतः भारत के उत्तराखंड और हिमांचल राज्य में पाए जाते हैं। इन्हें उत्तराखंड के भोटिया खानाबदोशों (चारवालो) द्वारा विकसित किया गया था। इन्हें भोटिया मास्टिफ, हिमालयन शीपडॉग और पहाड़ी कुत्ता के नाम से भी जाना जाता है। देखने पहाड़ी भोटिया डॉग Tibetan mastiff के तरह काफी सामान देखते है इसलिए कई लोग इन्हे Tibetan mastiff और himalayan mastiff के नाम से भी जानते है।
पहाड़ी भोटिया कुत्ता उसकी वफादारी और साहस के कारण जाना जाता है। दुश्मन के लिए यह कुत्ता काफी ज्यादा एग्रेसिव होता है। बड़ा आकार होने के कारण यह भोटिया डॉग तेंदुआ, बाघ और लेपर्ड को भी दबोच लेता है। इसीलिए पहाड़ो में भेड़ बकरी पालक और घुमन्तु चरवाहा लोग इन कुत्तों को अपने भेड़ और बकरियों की सुरक्षा के लिए पलते हैं। पहाड़ी इलाकों में आपको चरवाहा घुमंतू लोगो के पास यह कुत्ता आपको जरूर देखने को मिल जाएगा।
पहाड़ी भोटिया डॉग कहा पाया जाता है?
यह भोटिया डॉग की प्रजाति भारत और नेपाल के हिमालियन क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में आपको भोटिया कुत्ते उत्तराखण्ड और हिमांचल में मिल जयिंगे। इन भोटिया डॉग को वहां के पहाड़ी लोगो के द्वारा काफी लंबे समय से पाला जाता है। भोटिया डॉग का इस्तेमाल पहाड़ी लोग भेड़ बकरियों को चराने और उनकी सुरक्षा करने के लिए इस्तेमाल करते है।
भोटिया डॉग की विशेषता
भोटिया डॉग को कुछ लोग हिमालियन शीप डॉग भी कहते है। पहाड़ी लोगो ने इस भोटिया डॉग के ब्रीड को इसलिए उजागर किया जिससे वो अपने मवेशियों को रक्षा कर सके साथ ही साथ तेंदुओं से अपने मवेशियों को बचाने के लिए भी वो लोग भोटिया डॉग का इस्तेमाल करते है। पहाड़ी लोगो का यह मानना है कि एक भोटिया डॉग जंगली तेंदुओं को आसानी से अकेले ही दबोच सकता है।
भोटिया कुत्ते विशाल आकर का , शरीर पर मोटे और लंबे बालों वाला कुत्ता है जो उन्हें हिमालय के ठंडे पहाड़ों में जीवित रहने में मदद करता है। भोटिया कुत्ता का बड़ा जबड़ा, चौड़ी छाती, मजबूत हड्डियों , उनके पंजे गद्देदार और बालों से ढके होते हैं जो उन्हें फिसलन वाले और बर्फीले पहाड़ों पर टिके रहने में मदद करते हैं।
अपने मालिक और परिवार के लिए बफादार और दुश्मन के लिए खूंखार, खतरनाक होता है। यह किसी भी बड़े जानवर को फाड़ के रख सकता है पहाड़ो में यह बाग और तेंदुआ से लड़ जाता है।
घर की रखवाली के लिए यह कुत्त्ता सबसे बेस्ट कुत्तो में से एक है। यह केवल ठन्डे इलाकों जैसे हिमालय छेत्रो में ही रह सकते है। गर्म जगहों में इनको पालना मुश्किल हो सकता है।
भोटिया डॉग का स्वभाव कैसा होता है
- यह भोटिया डॉग एक गार्ड के रूप में अच्छे माने जाते है। डॉग्स की यह नस्ल काफी एग्रेसिव मानी जाती है। लेकिन अगर कम ही एज में उन्हे ट्रेन किया जाए तो आपके इनके एग्रेसिवेनेस को कम भी कर सकते है।
- भोटिया डॉग की नस्ल निडर और साहसी होती है। यह किसी भी अजनबी को देख कर उनका विरोध करते है। यह डॉग ब्रीड काफी एक्टिव होते है। इस डॉग ब्रीड को फिजिकल एक्सरवाइज करना काफी पसंद आता है।
- यह भोटिया डॉग काफी इंटेलिजेंट माने जाते है। यह अपने मालिक की तरह पूरी तरह से समर्पित होते है। यह अपने मालिक की सुरक्षा के लिए किसी के भी विरुद्ध एग्रेसिवेनेस को बढ़ा देते है।
- परिवार, बच्चो और अन्य पालतू जानवरो के साथ जल्दी घुल मिल जाते है और काफी मिलनसार स्वभाव होता है।
भोटिया डॉग की पहचान
भोटिया डॉग को डॉग्स की एक तंदुरुस्त और हट्टी कट्टी नस्ल माना जाता है। इनके एवरेज वजन की बात करे तो यह करीब 23 किलो से 45 किलोग्राम के बीच में ही होता है। इनके हाइट की बात करे तो वो 50 से 80 सेंटीमीटर के बीच में होता है। भोटिया कुत्ते का रंग काला , भूरा और हल्का सफ़ेद होता है। इनकी उम्र 11 से 14 साल तक बताई जाती है।
यह भोटिया डॉग के बाल डबल कोट में होते है यह हाल काफी कठोर और मजबूत दिखाई देते है। यही बाल इन कुत्तों को सर्दी के मौसम में बचाते है। इनके फिजिकल अपीयरेंस की बात करे तो इनके छाती और गर्दन पर सफेद रंग के दाग देखे जा सकते है। भोटिया डॉग के कान आगे की तरफ से झुके हुए रहते है। इन कुत्तों की पूंछ मोटी और घने बालों से कवर हुई होती है।
भोटिया डॉग में होने वाली बीमारी
यह भोटिया डॉग भारतीय नस्ल का ही कुत्ता होता है। यह अन्य विदेशी नस्लों के कुत्ते से अधिक स्वस्थ और मजबूत माने जाते है। इन भोटिया डॉग में बीमारी होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। भारतीय मूल के इस डॉग ब्रीड को रफ और टफ डॉग ब्रीड के नाम से भी जाना जाता है।
अगर भोटिया डॉग के माता पिता किसी जेनेटिक बीमारी से ग्रस्त होते है तो उसका असर भोटिया डॉग के अंदर भी देखा जा सकता है। साथ ही साथ यह भोटिया डॉग किसी भी infectious disease के संक्रमण में काफी आसानी से आ सकते है। आप इन भोटिया डॉग को किसी भी infectious disease से उनके सूघने के प्रक्रिया से रोक सकते है।
भोटिया डॉग का खाना
● आपका भोटिया डॉग अगर एक एडल्ट कुत्ता है तो आपको उन्हे इनकी शारीरिक मेहनत और गतिविधि के आधार पर खाना देना होता है। इन भोटिया डॉग को अधिक एनर्जी की जरूरत होती है। जिसके लिए उन्हें अधिक मात्रा में भोजन और पोषण की भी जरूरत होती है।
● आप भोटिया डॉग को अपनी सुविधा और अपने पास मौजूद फैसिलिटी के आधार पर खाना दे सकते है। आप चाहे तो आप अपने भोटिया डॉग को डॉग के लिए रेडीमेड फूड या फ़िर घर पर बना हुआ खाना भी दे सकते है। अगर आप अपने कुत्ते को घर का खाना दे रहे है तो आपको अपने कुत्ते की उम्र और उनके आकार के आधार पर खाना देना होगा।
● अगर आपके भोटिया डॉग का डाइजेशन सिस्टम अच्छा नही है तो आपको उनको आसानी से पचने वाला भोजन ही देना चाहिए।
भोटिया डॉग की कीमत
आप भोटिया डॉग को पहाड़ी इलाके में मौजूद ब्रीडर से ले सकते है। आपको भोटिया डॉग हर तरह के पेट शॉप में नही मिल सकता है। आपको हम एक और सुझाव देंगे कि अगर आप ठंडे इलाके में रहते है तो ही आप भोटिया डॉग को चुने। अगर आप किसी गर्म जगह पर रहते है तो आपको भोटिया डॉग के रहने के लिए अच्छी व्यवस्था करनी होगी। आप इस भोटिया डॉग को ब्रीडर से 15 से 50 हजार रूपए देकर ले सकते है।
भोटिया के बारे में मुख्य facts जो की आपको जानना चाहिए –
भोटिया कुत्ते दिखने में तिब्बती मास्टिफ से काफी मिलते-जुलते हैं, लेकिन तिब्बती मास्टिफ कुत्ते आकार में बड़े होते हैं और उनके चेहरे और कानों पर अधिक रोएं होते हैं।
भोटिया कुत्ते को या तो तिब्बती मास्टिफ़ की एक और नस्ल हैं या दोनों एक ही नस्ल के दो अलग-अलग प्रकार माना जाता हैं।
इन कुत्तों के गले में इनके मालिक अक्सर कांटेदार लोहे का कॉलर पहनाते हैं, ताकि तेंदुए जैसे जंगली शिकारी जानवर उनकी गर्दन पर हमला न कर सकें।
भोटिया कुत्ते भारत में उत्तराखंड के मूल निवासी हैं, जो स्वतंत्र रूप से घूमने वाले कुत्ते हैं और अन्य नस्ल के कुत्तों के साथ प्रजनन के कारण शुद्ध भोटिया नस्ल के कुत्ते कम ही उपलब्ध होते हैं। उनके मूल स्थान के कई लोगों का मानना है कि गद्दी और भोटिया दोनों एक ही नस्ल की दो अलग-अलग प्रजातियाँ हैं।
2005 में हिमालयन शीपडॉग (पहाड़ी भोटिया कुत्ता ) को देश की कुत्ते विरासत का जश्न मनाने के लिए भारतीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी डाक टिकटों के स्टाम्प पर प्रदर्शित चार भारतीय कुत्तों की नस्लों में से एक था। इस कुत्ते की फोटो को स्टाम्प पेपर पर लगाया गया था।
भोटिया डॉग का स्वभाव कैसा है?
कुत्ते के अंदर भोटिया डॉग की नस्ल निडर और साहसी होती है। यह किसी भी अजनबी को देख कर उनका विरोध करते है। यह डॉग ब्रीड काफी एक्टिव होते है। इस डॉग ब्रीड को फिजिकल एक्सरवाइज करना काफी पसंद आता है। यह अपने मालिक और उनके परिवार की रक्षा के लिए किसी के भी विरुद्ध लड़ सकता है।
भोटिया डॉग का एवरेज वेट कितना होता है?
इस भोटिया डॉग के एवरेज वेट की बात करे तो यह 23 किलो से 45 किलो के बीच में ही होता है। यह काफी तंदरुष्ट कुत्ते की नस्ल मानी जाती है जिसके कारण इनका वजन इतना ऊपर नीचे भी नही होता है।
भोटिया डॉग की हाइट क्या होती है?
इन भोटिया डॉग की हाइट की बात करे तो यह भी 50 से 66 सेंटीमीटर के बीच में ही होना चाहिए। यह भोटिया डॉग की प्रजाति भी कुत्तों की बड़ी नस्लों में से एक मानी जाती है।
भोटिया डॉग कहा पाए जाते है
यह भारत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लेह और लद्दाख जैसी पहाड़ी इलाकों में पाया जाता हैं। भोटिया डॉग नेपाल के इलाके भी पाए जाते है। यह अधिकांश तौर पर केवल ठंडे इलाके में ही पाए जाते है।
भोटिया डॉग कुत्तों की किस तरह की नस्ल है?
इन भोटिया डॉग को मुख्य तौर पर कुत्ते के गार्ड नस्लों में पाए जाते है। भोटिया डॉग मवेशियों और मालिको के सुरक्षा करने के काम आते है। साथ ही साथ यह आपके मवेशियों को तेंदुओं से और आपको दुश्मनों से बचाने का भी कार्य करती है। यह भोटिया डॉग को नस्ल काफी एग्रेसिव मानी जाती है।